जंत्री
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जंत्री ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ यान्त्रिक] वीणा आदि बजानेवाला । बाजा बजानेवाला ।
जंत्री ^२ वि॰ यंत्रित करनेवाला । बद्ध करनेवाला । जकड़बंद करनेवाला ।
जंत्री ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ यन्त्रिन्] बाजा । उ॰—बाजन दे बैजंतरा जग जंत्री ना छेड़ । तुझे विरानी क्या पड़ी अपनी आप निवेर ।— कबीर (शब्द॰) ।
जंत्री ^४ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰] एक प्रकार का तिथिपत्र । पत्रा । जंतरी ।