जंद

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जंद ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ जंद; मि॰ सं॰ छन्दस्]

१. पारसियों का अत्यंत प्राचीन धर्मग्रंथ । विशेष—इसकी भाषा वैदिक भाषा से मिलती जुलती है । इसके श्लोक को 'गाथा' या मंथ्र (मि॰ सं॰ मंत्र) कहते हैं । इसके छंद और देवता वेदों के छंदौ और देवताऔ से मिलते हैं ।

२. वह भाषा जिसमें पारसियों का जंद अवेस्ता नामक धर्मग्रंथ लिखा गया है । यौ॰—जंद अवेस्ता = जरथुस्त्र रचित पारसियों का धर्मग्रंथ ।