जंपना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जंपना पु † क्रि॰ अ॰ [सं॰ जल्प; प्रा॰ जप्प, जप; सं॰ जल्पना] कहना । कथन करना । उ॰—(क) इम जंपै चंद बरद्दिया कहा निघट्टै इय प्रलौ ।—पृ॰ रा॰ ५७ ।२३६ । (ख) सम बनिता बर बंदि चंद जंपिय कोमल कल ।—पृ॰ रा॰, १ ।१३ । (ग) यों कवि भूषण जंपत है लखि संपति को अलकापति लाजै ।—भूषण (शब्द॰) ।