जकड़ना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जकड़ना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ युक्त + करण या श्रृङ्गल (= सिकड़ी)] कसकर बाँधना । जैसे,—उसके हाथ पैर जकड़ दो । संयो॰ क्रि॰—देना ।—डालना ।
जकड़ना † ^२ क्रि॰ अ॰ अकड़ने आदि के कारण अंगों का हिलने डुंलने के योग्य न रह जाना । जैसे,हाथ पैर जकड़ना । संयो॰ क्रि॰—जाना ।—उठना ।