जखम

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जखम संज्ञा पुं॰ [फा़॰ जल्म, मि॰ सं॰ यक्ष्म]

१. वह क्षत जो शरीर में आघात या अस्ञ आदि के लगनेग के कारण हो जाय । घाव ।

२. मानसिक दुःख का आघात । सदमा । क्रि॰ प्र॰—करना ।—खाना ।—देना ।—पूजना ।—भरना ।— लगना ।—होना । मुहा॰—जखम ताजा या हरा हो आना = वीते हुए कष्ट का फिर लौट आना । गई हुई विपत्ति का फिर आ जाना । जखम पर नमक छिड़कना = दुःख बढ़ाना ।