जगण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जगण संज्ञा पुं॰ [सं॰] पिंगल शास्त्र के अनुसार तीन अक्षरों का एक गण जिसमें मध्य का अक्षर गुरु और आदि और अंत के अक्षर लघु होते हैं । जैसे,—महेश, रमेश, गणेश, हसंत । विशेष—दे॰ 'ज—१०' ।