जगती

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जगती संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. संसार । भुवन ।

२. पृथिवी । भूमि । यौ॰—जगतीचर = मानव । मनुष्य । जगतीजानि = राजा । भूपति । जगतीपति, जगतीपाल, जगतीभर्ता = दे॰ 'जगतीजानि' ।

३. एक वैदिक छंद जिसके प्रत्येक चरण में बारह बारह अक्षर होते हैं ।

४. मनुष्य जाति । मानव जाति (को॰) ।

५. गऊ । गाय (को॰) ।

६. मकान की भूमि । गृह के निमित्त या घर से संबद्ध भूमि (को॰) ।

७. जामुन के वृक्ष से युक्त स्थान । वह जगह जहाँ जामुन लगा हो (को॰) ।

जगती जोत संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जागना + सं॰ ज्योति]

१. किसी देवता विशेषत: देवी की प्रत्यक्ष महिमा या चमत्कार ।

२. चिराग । दीपक ।