जगन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ यजन्] दे॰ 'यज्ञ' । उ॰—जोवेजाँ गृहि गृहि जगन जागवै, जगनि जगनि कीजै तप जाप ।— बेलि, दू॰ ५० ।