जगनीदी † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जग + नींदी] उनींदी । अर्धसुप्त । सोते जागते सी दशा । उ॰—वह सोता तो रहा पर जग भी रहा था । सच पूछो, तो वह जगनींदी में पड़ा था ।—सुनीता, पृ॰ ३०८ ।