जगप्रान

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जगप्रान पु संज्ञा पुं॰ [जगत् + प्राण] वायु । समीरण । उ॰— थावत ही हेमंत तो कंपन लगो जहान । कोक कोकनद भे दुखी अहित भए जगप्रान ।—दीन॰ ग्रं॰, १९५ ।