जगबंद पु वि॰ [सं॰ जगत् + वन्द्य] जिसकी वंदना संसार करे । संसार द्वारा पूजित । जगद्वंद्य । उ॰—आपनपौ जु तज्यों जगबंद है ।—केशव (शब्द॰) ।