जगी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जगी संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] मोर की जाति का एक पक्षी । जवाहिर नाम का पक्षी । विशेष—यह शिमले के आसपास के पहाड़ो में मिलता है और प्रायः दो हाथ लंबा होता है । नर के सिर पर लाल कलगी होती है और मादा के सिर पर गुलाबी रंग की गाँठें होतीं हैं । नर का सिर काला, गला लाल और पीठ गुलाबी रंग की होती है और उसके पखों पर गुलाबी धारियाँ होती हैं । उसकी दुम लंबी और काली होती है और छाती तथा पेट के नीचे के पर भी काले होते हैं जिनपर ललाई की झलक होती है और एक छोटी सफेद बिंदी भी होती है । मादा का रंग कुछ मैला और पीलापन लिए होता है । यह पक्षी दस दस बारह बारह के झुंड में रहता है । जाड़े के दिनों में यह गरम देशों में आकर रहता है । इसकी बोली बकरी के बच्चे की तरह होती है और यह उड़ते समय चात्कार करता है । इसका चीत्कार बहुत दूर तक सुनाई पड़ता है । अँगरेज लोग इसका शिकार करते हैं । इसे जवाहिर भी कहते हैं ।