सामग्री पर जाएँ

जटायु

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

जटायु संज्ञा पुं॰ [सं॰] रामायण का एक प्रसिद्ध गिद्ध । विशेष—यह सूर्य के सारथी अरुण का पुत्र था जो उसकी श्येनी नाम्नी स्त्री से उत्पन्न हुआ था । यह दशरथ का मित्र था और रावण से, जब वह सीता को हरण कर लिए जाता था, लड़ा था । इस लड़ाई में यह घायल हो गया था । रामचंद्र के आने पर इसने रावण के सीता को हर ले जाने का समाचार उनसे कहा था । उसी समय इसके प्राण भी निकल गए थे । रामचंद्र ने स्वयं इसकी अंत्योष्टि क्रिया की थी । संपाति इसका भाई था ।

२. गुग्गुल ।