जद
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जद † ^१ क्रि॰ वि॰ [सं॰ यदा] जब । जब कभी । उ॰—(क) वह जागूँ तद एकली, जब सोऊँ तब बेल ।—ढोला॰, दू॰ ५११ । (ख) ब्रजमोहन घनआनँद जानी जद चस्मों विच आया है ।—घनानंद॰, पृ॰ १८१ ।
जद † ^२ अव्य॰ [सं॰ यदि] अगर । यदि ।
जद ^३ संज्ञा स्त्री॰ [फ़ा॰ जद]
१. आघात । चोट ।
२. लक्ष्य । निशाना ।
३. सामना [को॰] ।