जपमाला

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जपमाला संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] वह माला जिसे लेकर लोग जप करते हैं । विशेष—यह माला संप्रदायानुसार, रुद्राक्ष, कमलाक्ष, पुत्रजीव, स्फटिक, तुलसी आदि के मनकों की होती है । इनमें प्रायः एक सौ आठ, चौवन या अट्ठाईस दाने होते हैं और बीच में जहाँ गाँठ होती है वहाँ एक समेरु होता है । हिंदुओं के अतिरिक्त बौद्ध, मुसलमान और ईसाई आदि भी माला से जप करते हैं ।