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जबान

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जबान संज्ञा स्त्र [फ़ा॰ जबान] [वि॰ जबानी]

१. जीभ । जिह्वा । यौ॰—जबानदराज । जबानबंदी । मुहा॰—जबान कतरनी की तरह चलना=धृष्टतापूवँक अनुचित अनुचित बातें कहना । उ॰——ऐसी ढिठाई से खुदा समझे कि दोनों की जबान कतरनी की तरह चल रही है ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३६९ । जबान को लगाम देना=अपना कथन समाप्त करना । चुप हो जाना । उ॰—बस बस जरी जबान को लगाम दी ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३ । जबान आना= किसी चुप्पे आदमी का बढ़कर बातें करना । उत्तर प्रत्युत्तर करना । उ॰—शान खुदा, बेजबानों को भी हमारे लिये जबान आई ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ २७४ । जबान खींचना= बहुत अनुचित या धृष्टतापूर्ण बातें करने के लिये कठोर दंड देना । जबान खुलना=(१) मुँह से बात निकालना । (२) बच्चों का बोलने लगना । बोलने में समर्थ होना । जबान खुलवाना=टेढ़ी सीधी कुछ कहने को विवश करना । जबान खुश्क होना=पिपासित होना । प्यास से आकुल होना । जबान खोलना=मुँह से बात निकालना । बोलना । जबान घिस जाना या घिसना=कहते कहते हार जाना । बार बार कहना । जबान चलना=(१) मुँह से जल्दी जल्दी शब्द निकलना । (२) मुँह से अनुचित शब्द निकलना । (३) खाया जाना । मुँह चलाना । जबान चलाना=(१) बोलना, विशेषतः जल्दी जल्दी बोलना । (२) मुँह से अनुचित शब्द निकलना । जबान चलाए की रोटी खाना=खुशामद या चापलूसी द्वारा जीवनयापन करना । जबान चाटना= दे॰ 'ओंठ चाटना' । जबान टूटना=(बालक का) स्पष्ट उच्चारण आरंभ करना । †जबान डालना=(१) माँगना याचना करना । (२) पूछना । प्रश्न करना । जबान तक न हिलना=मौन रह जाना । कुछ न कहना । उ॰—इतनी फिरंगिनें बैठी हैं किसी की जबान तक नहीं हिली और हम आपस में कटे मरते हैं ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३ । जबान थामना या पकड़ना=बोलने न देना । कहने से रोकना । जबान पर आना=कहा जाना । मुँह से निकलना । जबान पर या में ताला लगना=चुप रहने को विवश होना । जबान पर मुहर लगाना=बोलने या कहने पर रुकावट होना । जबान पर रखना=(१) किसी चीज को थोड़ो मात्रा में खाकर उसका स्वाद लेना । चखना । (२) स्मरण रखना । याद रखना । जबान पर लाना=मुँह से कहना । बोलना । उ॰—मरहबा वगैरह जबान पर लाते थे और खुद ही झुक झुक कर सलाम करते थे ।—फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ १ । जबान पलटना=कहकर बदल जाना । वचन भंग करना । जवान पर होना=हर दम याद रहना । स्मरण रहना । जबान बंद करना=(१) चुप होना । (२) बोलने से रोकना । (३) विवाद में हराना । जबान बंद होना=(१) मुँह से शब्द न निकलना । (२) विवाद में हार जाना । निग्रह स्थान में आना । जबान बिगड़ाना=(१) मुँह ले अपशब्द निकलने का अभ्यास होना ।

३. मुँह का स्वाद इस प्रकार खराब होना कि खाने की कोई चीज अच्छी न लगे । (३) जबान चटोरी होना । जबान में काँटे पड़ना=(१) जबान फरना । निनाबाँ होना । (२) किसी बात को रुककर रुक कहना । जबान में कीड़े पड़ना=अनुचित कथन या मिथ्या भाषण पर अशुभ कम्मना । जबान में खुजली होना=झगड़े की अभिलाषा होना । जबान में लगाम न होना=अनुचित बासें कहने का अभ्यास होना । सोच समझकर बोलने के अयोग्य होना । जबान रौंकना=(१) जबान पकड़ना । (२) चुप करना । जबान सँभालना मुँह से अनुचित शब्द न निकलने देना । सोच समभकर बोलना । जबान सीना । दे॰ 'मुँह सीना' । जवान निकालना=उच्चारण होना । बोला जाना । जबान से निकलना=उच्चारण करना । कहना । जबान हिलाना= बोलने का प्रयत्न करना । मुहँ से शब्द निकालनना । दवी जबान से बोलना या कहना=कमजोर होकर बोलना । अस्पष्ट रूप से बोलना । इस प्रकार से बोलना जिससे सुनने— वालों को उस बात के संबंध में संदेह रह जाय । बदजबानी= अनुचित और अशिष्ट बात । बरजबान=जो बहुत अच्छी तरह याद हो । कंठस्थ । उपस्थित । बेजबान=जो अधिक न बोलता हो । बहुत सीधा ।

२. जबान से निकला हुआ शब्द । बात । बोल । जौसे—मरद की एक जबान होती है । मुहा॰—जबान बदलना=कही हुई बात से फिर जाना । दे॰ 'जबान पलटना' ।

३. प्रतिज्ञा । वादा । कौल । करार । मुहा॰—जबान देना या हारना=प्रतिज्ञा करना । वचन देना वादा करना ।

४. भाषा । बोलचाल । जैसे, उर्दू जबान ।