जमाव
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जमाव संज्ञा पुं॰ [हिं॰ जमाना]
१. जमने का भाव ।
२. जमाने का भाव ।
३. भीड़ भा़ड़ । जमावड़ा ।
जमाव । जमावड़ा । जैसे,—उसके यहाँ शहर के लुच्चों की बैठक होती है । यो॰—बैठकबाज ।
६. आधिवेशन । सभासदों का एकत्र होना । जैसे, सभा की बैठक ।
७. बैठने का ढंग या टेव । जैसे, जानवरों की बैठक ।
८. साथ उठाना बैठाना । संग । मेल । उ॰—माथुर लोगन के सँग की यह बैठक तोहि अजौं न उबीठी ।—केशब (शब्द॰) ।
१०. काँच या धातु आदि का दीवट जिसके सिरे पर बत्ती जलती या मोमबत्ती खोंसी जाती है । बैठकी । उ॰—बैठक ओर हँडियों में मोमबत्तियाँ जल रही हैं ।—अधखिला॰ (शब्द॰) ।
११. एक प्रकार की कसरत जिसमें बार बार खडा होना और बैठना पडता है ।