जयद्रथ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जयद्रथ संज्ञा पुं॰ [सं॰] महाभारत के अनुसार सिंघुसौवीर या सौराष्ट्र का राजा जो दुर्योधन का बहनोई था । विशेष—इसमे एक बार जगल में द्रैपदी को अकेली पाकर हर ले जाने का प्रयत्न किया था । उस समय भीम और अर्जुन ने इसकी बहुत दुर्दशा की थी । यह महाभारत के युद्ध में लड़ा था और चक्रव्यूह के युद्ध में अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु का बध इसी ने किया था । दूसरे दिन भयकर युद्ध के अनंतर सायंकाल यह अर्जुन के हाथों मारा गया ।