जरासन्ध

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जरासंध पुं॰ [सं॰ जरासन्ध] महाभारत के अनुसार मगध देश का एक राजा । यह बृहद्रथ का पुत्र और कंस का श्वसुर था । विशेष—पुराणों के अनुसार यह दो टुकड़ों में उत्पन्न हुआ और 'जरा' नाम की राक्षसी द्वारा दोनों टुकड़ों को जो़ड़कर सजीव किया गया । इसलिये इसका नाम जरासंध, जरासुत आदि पड़ा । कुष्ण द्वारा अपने श्वसुर कंस के मारे जाने पर इसने मथुरा पर अठारह बार आक्रमण किया था । युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ में अर्जुन और भीम को साथ लेकर कृष्ण इसकी राजधानी गिरिब्रज में ब्राह्मण के वेश में गए और उन राजाओं को छोड़ देने के लिये कहा जिन्हें उसने परास्त कर कै द कर लिया था, कितु जरासंध ने नहीं माना । अंततः भीम के साथ युद्ध करने की माँग स्वीकार कर ली । कहते हैं कई दिनों तक मल्ल युद्ध होने के बाद भी जब यह पराजित नहीं हुआ तब एक दिन कृष्ण का संकेत पाकर भीम ने द्वंद्व युद्ध में जरा राक्षसी द्वारा जोड़े गए अंग के दोनों विभागों को चीरकार इसे मार डाला था ।