जलवा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जलवा संज्ञा पुं॰ [अ॰ जल्वह्]
१. शोभा । दीप्ति । तड़क भड़क । उ॰—जहाँ देखो वहाँ मौजूद मेरा कृष्ण प्यारा है । उसी का सब है जलवा जो जहाँ में आशाकारा है ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ८५१ ।
२. प्रदर्शतन । नुमाइश ।
३. दीदार । दर्शन (को॰) । यौ॰—जलवागर=प्रकट । प्रत्यक्ष । उ॰—हुआ जब आइने में जलवागर मैं तब लिया बोसा । जो आया अपने काबू में तो फिर मुँह देखना क्या है ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २६ ।