जलाना
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क्रिया
- अग्नि के हवाले करना, आग लगा देना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
जलाना ^१ क्रि॰ स॰ [हिं॰ 'जलना' का सक॰ रूप]
१. किसी पदार्थ को अग्नि के संयोग से अंगारे या लपट के रूप में कर देना । प्रज्वलित करना । जैसे, आग जलाना, दीया जलाना ।
२. किसी पदार्थ को बहुत गरमो पहुँचाकर या आँच की सहायता से भाप या कोयले आदि के रूप में करना । जैसे, अँगारे पर रोटी जलाना, काढ़े का पानी जलाना ।
३. आँच के द्वारा विकृत या पोड़ित करना । झुलसाना । जैसे—अंगारे से हाथ जलाना ।
४. किसी के मन में डाह, ईर्ष्या या द्वेष आदि उत्पन्न करना । किसी के मन में संताप उत्पन्न करना । मुहा॰—जला जलाकर मारना=बहुत दुःख देना । खूब तंग करना ।
जलाना पु ^२ क्रि॰ उ॰ [हिं॰ जल + आना(प्रत्य॰)] जलमग्न होना । जलमय होना । उ॰—महा प्रलय जब होवे भाई । स्वर्ग मृत्यु पाताल जलाई ।—कबीर सा॰, पृ॰ २४३ ।