जवाल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जवाल संज्ञा पुं॰ [अ॰ जवाल]

१. अवनति । उतार । धटाव । क्रि॰ प्र॰—आना ।—पहुँचना । पु

२. जंजाल । आफ्त । झंझट । बखेड़ा । उ॰—छाँड़ि के जवाल जाल महिं तू गोपाल लाल तातें कहि दीनद्याल फंद क्यों फँसातु है ।—दीन॰ ग्रं॰, पृ॰ १७० । मुहा॰—जवाल में पड़ना या फँसना = आफत में फँसना । झंझट या बखेड़े में फँसना । जवाल में डालना = आफत में फँसाना ।