जस पु † ^१ क्रि॰ वि॰ [सं॰ याद्दश>जइस>जस, प्रा॰ जहा] जैसा । उ॰—जस जस सुरसा बदन बढ़ावा । तासु दुगुन कपि रूप देखावा ।—तुलसी (शब्द॰) ।
जस पु † ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ यश] दे॰ 'यश' ।