जसु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जसु पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ यशोदा] नंद की पत्नी । यशोदा । उ॰— थोरोई दूघ पूत के हितही । राखति जसु जमाइ नित नित ही ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २४८ ।