जस्त

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जस्त संज्ञा पुं॰ [सं॰ जसद] दे॰ 'जस्ता' ।

जस्त संज्ञा स्त्री॰ [फा॰] छलाँग । कुलाँच । जैसे,—शिकार का आहट पाते ही वह जस्त मारने को तैयार हो जाती ।— संन्यासी, पृ॰ ५० ।