जह्नु
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जह्नु संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. विष्णु ।
२. एक राजर्षि का नाम । विशेष—(१) पुराणों के अनुसार जब भगीरथ गंगा को लेकर आ रहे थे, तब जह्नु ऋषि मार्ग में यज्ञ कर रहे थे । गंगा के कारण यज्ञ में विघ्न होने के भय से इन्होंने उनको पी लिया था । भगीरथ जो के बहुत प्रार्थना करने पर इन्होंने फिर गंगा को कान से निकाल दिया था । तभी सें गंगा का नाम जह्नसुता, जाह्नवी आदि पड़ा ।(२) इस शब्द के साथ कन्या, सुता, तनया आदि पुत्रीवाचक शब्द लगाने से गंगा का अर्थ होता है । यौ॰— जह्नुजा । जह्नुकन्या । जह्नुतनया । जह्नुलप्तमी । जह्नुसुता ।