जाँता
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
जाँता संज्ञा पुं॰ [सं॰ यन्त्र]
१. आटा पीसने की पत्थर की बड़ी चक्की जो प्रायः जमीन में गड़ी रहती है । क्रि॰ प्र॰—चलाना ।—पीसना ।
२. सुनारों और तारकशों आदि का एक औजार । विशेष—यह इस्पात या फौलाद लोहे की एक पटरी होती है । जिसमें कमलः बड़े छोटे अनेक छेद होते हैं । उन्हीं में कोई धातु की बत्ती या मोटा तार आदि रखकर उसे खींचते खींचते लंबा और महीन तार बना लेते हैं । इसे जंती भी कहते हैं ।