जानपद

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जानपद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जनपद संबंधी वस्तु ।

२. जनपद का निवासी । जन । लोक । मनुष्य ।

३. देश ।

४. कर । माल- गुजारी ।

५. मिताक्षरा के अनुसार लेख्य (दस्तावेज) के दो भेदों में से एक । विशेष—इस लेख्य (दस्तावेज में) लेख प्रजावर्ग के परस्पर व्यहार के संबंध में होता है । यह दो प्रकार का होता है—एक अपने हाथ से लिखा हुआ, दूसरा दूसरे के हाथ से लिखा हुआ । अपने हाथ से लिखे हुए में साक्षी की आवश्यकता नहीं होती थी ।