जाबाल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जाबाल संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक मुनि जिनकी माता का नाम जाबाल था । विशेष—छांदोग्य उपनिषद् में इनके संबंध में यह आख्यान आया है कि जब ये ऋषियों के पास वेद की शिक्षा प्राप्त करने कै लिये गए, तब उन्होंने इनका गोत्र तथा इनके पिता का नाम आदि पूछा । ये न बतला सके और अपनी माता के पास पूछने गए । माता ने कहा कि में जवानी में बहुतों के पास रही ओर उसी समय तू उत्पन्न हुआ । में नही जानती कि तू किसका पुत्र है । जा ओर कह दे कि मेरी माता का नाम जाबाला है और मेरा जाबाल है । जब आचार्य ने यह सुना तब उनेहोंने कहा कि 'हे जाबाल? समिधा लाओ, मैं तुह्मारा यज्ञोपवीत करुँ; क्योंकि ब्राह्मण के अतिरिक्त कोई ऐसा सत्य नहीं बोल सकता' । इनका एक नाम सत्यकाम भी है ।