जामि
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जामि ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. बहिन । भगिनी ।
२. लड़की कन्या ।
३. पुत्रबधू । बहु । पतोहू ।
४. अपने संबंध या गोत्र की स्त्री ।
५. कुल स्त्री । घर की बहु बेटी । विशेष—मनुस्मृति में यह शब्द आया है जिसका अर्थ कुल्लूक ने भगिनी, सपिंड की स्त्री, पत्नी, कन्या, पुत्रवधू आदि किया है । मनु ने लिखा है कि जिस घर में जामि प्रतिपूजित होती है; उसमें सुख की वृद्धि होती है, और जिसमें अपमानित होती है, उस कुल का नाश हो जाता है ।
जामि ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ याम] दे॰ 'याम' और 'जाम' उ॰—प्रथम जामि निसि रज्ज कज्ज हैगै दिष्षत लगि । दुतिय जाम संगीत उछव रस कित्ति काव्य जगि ।—पृ॰ रा॰, ६ ।११ ।