जाली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जाली ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. तरोडी़ ।
२. परवल ।
जाली ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ जाल]
१. किसी चीज, विशेषतः लकडी़ पत्थर या धातु आदि, में बना हुआ बहुत से छोटे छोटे छेदों का समूह । क्रि॰ प्र॰—काटना ।—बनाना ।
२. कसौदे का एक प्रकार का काम जिसमें किसी फूल या पत्ती आदि के बीच में बहुत से छोटे छोटे छेद बनाए जाते हैं । क्रि॰ प्र॰—काढ़ना ।—निकालना ।—डालना ।—भरना ।—बनाना ।
३. एक प्रकार का कपडा़ जिसमें बहुत से छोटे छोटे छेद होते हैं ।
४. वह लकडी़ जो चार काटने के गड़ाँसे के दस्ते पर लगी रहती है ।
५. कच्चे आम के अंदर गुठली के ऊपर का वह तंतुसमूह जो पकने से कुछ पहले उत्पन्न होता और पीछे से कडा़ हो जाता है । इसके उत्पन्न होने के उपरांत आम के फल का पकना आरंभ होता है । क्रि॰ प्र॰—पड़ना ।
६. दे॰ 'जाला' ।
जाली ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] एक प्रकार की छोटी नाव ।
जाली ^४ वि॰ [अ॰ जअ़ल + हिं॰ ई (प्रत्य॰)] नकली । बनावटी । झूठा । जैसे, जाली सिक्का, जाली दस्तावेज । यौ॰—जाली नोट = नकली नोट ।