जिक्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जिक्र संज्ञा पुं॰ [अं॰ जिक्र]

१. चर्चा । बातचीत । प्रसंग । क्रि॰ प्र॰—आना ।—करना ।—चलना ।—चलाना ।— छिड़ना ।—छेड़ना । यौ॰—जिक्र मजकूर = बातचीत । चर्चा ।जिक्रे—खैर = कुशल- चर्चा । शुभ चर्चा उ॰—अतः सबसे पहले क्यों न कविसम्मेलनों ही का जिक्रे खैर किया जाय ।—कुंकुम । (भू॰), पृ॰ २ ।

२. एक प्रकार का जप (को॰) ।