जिघांसा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. मारने की इच्छा । २. प्रतिहिंसा । उ॰—जिघांसा की वृत्ति प्रबल हुई तो छोटी छोटी सी बातों पर अथवा खाली संदेह पर ही दूसरों का सत्यानाश करने की इच्छा होता ।—श्रीनिवास ग्रं॰, पृ॰ १९० ।