जित
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]जित ^१ वि॰ [सं॰] जीता हुआ । पराजित । जिस दूसरे ने जीता हो ।
जित ^२ †पु क्रि॰ वि॰ [सं॰ यत्र] जिधर । जिस ओर । उ॰—जात है जित बाजि केशौ जात हैं तित लोग ।—केशव (शब्द॰) । यौ॰—जित तित्त = जहाँ तहाँ । वि॰ दे॰ 'जहाँ' के मुहावरे । उ॰—सम विषम विहर वन सघन घन तहाँ सथ्थ जित तित्त हुअ । भूल्यो सुसंग कवियन वनह और नहीं जन संग दुअ ।—पृ॰ रा॰, ६ ।१३ । मुहा॰—जित कित होकर जाना = अव्यवस्थित जाना । इधर उधर जाना । उ॰—पसु अरु पसुप दवानल माहीं । चकित भए जित कित ह्नै जाही ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ ३१० ।