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जिय

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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जिय † संज्ञा पुं॰ [सं॰ जीव] मन । चित्त । जी । उ॰—(क) अस जिय जानि सुनहु सिख भाई । करहु मातु पितु पद सेव— करई ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) प्रसनं चंद सम जतिय दिन इक मंत्र इष्ट जिय । इह आराधत भट्ट प्रगट पंचास बीर बिय ।—पृ॰ रा॰, ६ । २६ । यौ॰—जियबधा=हत्या करनेवाला । जल्लाद ।