जुड़ना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

जुड़ना क्रि॰ अ॰ [हिं॰ जुटना या सं॰, जुड़ (= बाँधना)]

१. दो या अधिक वस्तुओं का परस्पर इस प्रकार मिलना कि एक का कोई पार्श्व या अंग दूसरे के किसी पार्श्व या अंग के साथ दृढ़तापूर्वक लगा रहे । दो वस्तुओं का बँधने, चिपकने, सिलने, या जड़े जाने के कारण परस्पर सिलकर एक होना । संबद्ध होना । संश्लिष्ट होना । संयुक्त होना । क्रि॰ प्र॰—जाना ।

२. संयोग करना । संभोग करना । प्रसंग करना । †

३. इकट्ठा होना । एकत्र होना ।

४. किसी काम में योग देने के लिये उपस्थित होना ।

५. उपलब्ध होना । प्राप्त होना । मिलना । मयस्सर होना । जैसे, कपड़े लत्ते जुड़ना । उ॰— उसे तो चने भी नहीं जुड़ते ।

६. गाड़ी आदि में बैल लगाना । जुतना ।