ज्ञानावरण

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

ज्ञानावरण संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. ज्ञान का परदा । ज्ञान का बाधक ।

२. वह पाप कर्म जिससे ज्ञान का यथार्थ लाभ जीव को नहीं होता है । विशेष—यह पाँच प्रकार का है,—(१) मतिज्ञानावरण । (२) श्रुतिज्ञानावरण । (३) अवधिज्ञानावरण । (४) मनः पर्याय ज्ञानावरण और (५) केवलज्ञानावरण । (जैन) ।