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ज्या

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ज्या संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. धनुष की डोरी ।

२. वह रेखा जो किसी चाप के एक सिरे से दूसरे सिरे तक हो ।

३. वह रेखा जो किसी चाप के एक सिरे से उस व्यास पर लंब रूप से गिरी हो जो चाप के दूसरे सिरे से होकर गया ही ।

४. त्रिकोणमिति में केंद्र पर के कोण के विचार से ऊपर बतलाई हुई रेखा (क ग) और त्रिज्या (क घ) की निष्पत्ति ।

५. पृथ्वी ।

६. माता ।

७. किसी वृत्त का व्यास ।

८. सर्वोच्च शक्ति (को॰) ।

९. अत्यधिक माँग (को॰) ।

१०. एक प्रकार की छड़ी । शम्या (को॰) ।

१०. सेना का पृष्ठ भाग (को॰) ।