ज्येष्ठा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]ज्येष्ठा ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. २७ नक्षत्रों में से अठारहवाँ नक्षत्र जो तीन तारों से बने कुंडल के आकार का है । इसके देवता चंद्रमा है ।
२. वह स्त्री जो औरों की अपेक्षा अपने पति को अधिक प्यारी हो । ३ । छिपकली ।
४. मध्यमा उँगली ।
५. गंगा ।
६. पद्मपुराण के अनुसार अलक्ष्मी देवी । विशेष—ये समुद्र मथने पर लक्ष्मी के पहले निकली थी । जब इन्होंने देवताओं से पूछा कि हम कहाँ निवास करें तब उन्होंने बतलाया कि जिसके घर में सदा कलह हो, जो नित्य गंदी या बुरी बातें बके, जो अशुचि रहे इत्यादि उसके यहाँ रहो । लिंगपुराण में लिखा है कि जब देवताओं में से किसी ने इन्हें ग्रहण नहीं किया तब दुःसह नामक तेजस्वो ब्राह्नण ने इन्हें पत्नी रूप से ग्रहण किया ।
ज्येष्ठा ^२ वि॰ स्त्री॰ बड़ी ।