ज्योतिक पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰] दे॰ 'ज्योतिषी' । उ॰—बार बार ज्योतिक सो घरी बुझि आवै । एक जाइ पहुँचे नहिं और एक पठावै ।—सूर (शब्द॰) ।