ज्योतिहीन वि॰ [सं॰ ज्योतिः + हीन] प्रकाश से रहित । प्रभाहीन । उ॰—उल्का बज्र व धूभादि से हत विपर्ण ज्योतिहीन होने पर ।—बृहत्संहिता, पृ॰ ८२ ।