झझारना †पु क्रि॰ स॰ [ हिं झँवाना का प्रे॰ रूप] झाँवरा करना । झाँवाँ की तरह कर देना कुछ कुछ श्याम वर्ण का कर देना । उ॰—दोहन करत ब्रजमोहन मनोरथनि, आनँद को घन रंग झलनिं झमारई ।—घनानंद, पृ॰ २०४ ।