झण्डा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]झंडा संज्ञा पुं॰ [सं॰ ध्वज + दण्ड, प्रा॰ धज्जंड]
१. तिकोने या चौकोर कपडे़ का टुकडा़ जिसका एक सिरा लकडी़ आदि के डंडे में लगा रहता है और जिसका व्यवहार जिह्न प्रकट करने, संकेत करने, उत्सव आदि सूचित करने अथवा इसी प्रकार के अन्य कामों के लिये होता है । पताका । निशान । फरहरा । व्यजा । मुहा॰—झंडे तले की दोस्ती = बहुत ही साधारण या राह चलते की जान पहचान । झंडे पर चढ़ना = बदनाम होना । अपने सिर बहुत बदनामी लेना । झंडे पर चढा़ना = बहुत बदनाम करना ।
२. ज्वार, बाजरे आदि पौधों के ऊपर का नर फूल । जीरा ।
झंडा कप्तान संज्ञा पुं॰ [हिं॰ झंडा + अं॰ कैप्टेन]
१. उस जहाज का प्रधान जिसपर प्रतीकात्मक ध्वजा रहती है (नौसैनिक) ।
२. वह व्यक्ति जिसपर संस्था के प्रतीकात्मक ध्वज की जिम्मेदारी हो ।
झंडा जहाज संज्ञा पुं॰ [हिं॰ झंडा + अ॰ जहाज ] बेडे़ का प्रधान जहाज जिसपर बेडे़ का नायक रहता है ।
झंडा दिवस संज्ञा पुं॰ [हिं॰ झंडा + सं॰ दिवस] वह दिन ज ब किसी कार्य से प्रेरित होकर लोगों से सहायता या चंदा लिया जाता है और चिह्न स्वरूप सहायता देनेवाले को झंडी दी जाती है (नौसैनिक) ।