झमकड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झमकड़ा ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ झमक + ड़ा (प्रत्य॰)]दे॰ 'झमक' । उ॰—मिरजा साहब—एक झमकड़ा नजर आया ।— फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ८ ।

झमकड़ा ^२ वि॰ झनझनानेवाले । झमझम शब्द करनेवाले । उ॰— बड़े बड़े कच छुटि पड़े उमड़े नैन बिसाल । कड़े झमकड़े ही गड़े अड़े खड़े नँदलाल ।—स॰ सप्तक, पृ॰ २५१ ।