झाँवाँ संज्ञा पुं॰ [सं॰ झामक] जली हुई ईंट । वह इँट जो जलकर काली हो मई हो । इससे रगड़कर अस्त्र, शस्त्र आदि चीजों की, विशेषतः पैरों की मैल छुड़ाते हैं । उ॰— झाँवाँ लेबै जोग तेग को मलै बनाई ।— पलटू॰, पृ॰ २ ।