झाड़ना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]झाड़ना ^१ क्रि॰ स॰ [सं॰ क्षरण]
१. किसी चीज पर पड़ी हुई गर्द आदि साफ करने या और कोई चीज हटाने के लिये उस चीज को उठाकर झटका देना । झटकारन । फटकारना । जैस,— जरा दरी और चाँदनी झाड़ दो ।
२. झटका देकर किसी एक चीज पर पड़ी हुई किसी दूसरी चीज को गिराना । जैसे,— इस अँगोछे पर बहुत से बीज चिपक गए हैं, जरा उन्हें झाड़ दो ।
३. झाड़ू या कपड़े आदि की रगड़ या झटके से किसी चीज पर पड़ी या लगी हुई दूसरी चीज गिराना या हटाना । जैसे,—इन किताबों पर की गर्द झाड़ दो ।
४. झाड़ु या कपड़े आदि के द्वारा अथवा और किसी प्रकार गर्द मैल, या और कोई चीज हटाकर कोई दूसरी चीज साफ करना । जैसे,— (क) सबेरे उठते ही उन्हें सारा घर झाड़ना पड़ता है । (ख) इस मेज को झाड़ दो । संयो॰ क्रि॰—ड़ालना ।—देना ।—लेना ।
५. बल या युक्तिपूर्वक किसी से धन ऐंठना । झटकना ।— (क्व॰) । संयो॰ क्रि॰—लेना ।
६. रोग या प्रेतबाधा आदि दूर करने के लिये किसी को मंत्र आदि से भूँकन । मंत्रोच्चार करना । जैसे, नजर झाड़ना । संयो॰ क्रि॰—देना ।
७. बिगड़कर कड़ी कड़ी बातें कहना । फटकारना । डाँटना । संयो॰ क्रि॰—देना ।
८. निकालना । दूर करना । हटाना । छुड़ाना । जैसे,— तुम्हारी सारी बदमाशी झाड़ देंगे । उ॰— मोहूँ ते ये चतुर कहावति । ये मनही मन मोको नरति । ऐसे वचन कहूँगी इन टें चतुराई इनकी मैं झारति ।—सूर (शब्द॰) ।
९. अपनी योग्यता दिखलाने के लिये गढ़ गढ़कर बातें करना । जैसे,— वह आते ही अँगरेजी झाड़ने लगा ।
१०. त्यागना । छोड़ना । गिराना । जैसे, चिड़यों का पंख झाड़ना ।