झूठा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]झूठा ^१ वि॰ [हिं॰ झूठ]
१. जो वास्तविक स्थिति के विपरीत हो । जो झूठ हो । जो सत्य न हो । मिथ्या । असत्य । जैसे, झूठी बात, झूठा अभीयोग ।
२. जो झूठ बोलता हो । झूठ बोलने— वाला । मिथ्यावादी । जैसे,— ऐसे झूठे आदमियों का क्या विश्वास । क्रि॰ प्र॰ — ठहरना । — निकलना ।— बनना ।
३. जो सच्चा या असली न हो । जो केवल रूप और रंग आदि में असली चीज के समान हो पर गुण आदि में नहीं । जो केवल दिखौआ और बनावटी हो या किसी असली चीज के स्थान पर यों ही काम देने, सुभीता उत्पन्न करने अथवा किसी को धोखे में ड़ालने के लिये बनाया गया हो । नकली । जैसे,— झूठे जवाहिरात, झूठा गोटा पट्ठा, झूठी घड़ी झूठा मसाला या काम (जरदोजी का), झूठा दस्तावेज, झूठा कागज । विशेष— इस अर्थ में 'झूठा' शब्द का प्रयोग कुछ विशिष्ट शब्दों के साथ ही हो है ताजिन में से कुछ ऊपर उदाहरण में दिए गए हैं ।
४. जो (पुरजे या अंग आदि) बिगड़ जाने के कारण ठीक ठीक काम न दे सकें । जैसे, ताले या खटके आदि का झठा पड़ जाना । हाथ या पैर का झूठा पड़्ना । क्रि॰ प्र॰— पड़ना ।
झूठा ^२ वि॰ [हिं॰ जूठा] दे॰ 'जूठा' ।