झूमना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]झूमना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ झम्प(=कूदना)]
१. आधार पर स्थित किसी पदार्थ के ऊपरी भाग या सिरे का बार बार आगे पीछे, नीचे ऊपर या इधर उधर हिलना । बार बार झोंके खाना । जैसे, हवा के कारण पेड़ों की ड़ालों का झूमना । मुहा॰— बादल झूमना = बादलों का एकत्र होकर झुकना ।
२. किसी खड़े या बैठे हुए जीव का अपने सिर और धड़ को बार बार आगे पीछे और इधर उधर हिलाना । लहराना । जैसे, हाथी या रीछ का झूमना । नशे या नींद में झूमना । उ॰— आई सुधि प्यारे की विचारै मति टारै तब, धारै पग मग झूमि द्वारावति आए हैं ।— प्रिया (शब्द॰) । विशेष— यह क्रिया प्रायः मस्ती, बहुत अधिक प्रसन्नता, नींद या नशे आदि के कारण होती है । मुहा॰— दरवाजे पर हाथी झूमना = इतना अमीर होना कि दरवाजे पर हाथी बँधा हो । इतना संपन्न होना कि हाथी पाल सके । उ॰— झूमत द्वार अनेक मतंग जँजीर जड़े मद अंबु चुचाते । — तुलसी (शब्द॰) ।झूम झूम कर = सिर और धड़ को आगे पीछे या इधर उधर खूब हिल हिलाकर । लहरा लरहाकर । जैसे— झुम झूमकर पढ़ना, नाचना या (भृत प्रेत आदि बाधाओं के कारण) खेलना ।
झूमना ^२ संज्ञा पुं॰
१. बैलों का एक रोग जिसमें वे खूँटे पर बँधे इधर उधर सिर हिलाया करते हैं ।
२. वह बैल जो झूमता हो ।