झेल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

झेल ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ झेलना]

१. पानी में तैरने आदि में हाथ पैर से पानी हटाने की क्रिया ।

२. हलका धक्का या हिलोरा । उ॰— सुरत समुद्र मगन दंपति सो झेलत अति सुख झेल ।— सूर (शब्द॰) ।

३. झेलने की क्रिया या भाव ।

झेल ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ झेल] बिलंब । देर । झेर । उ॰— (क) सब कहँ देखि भूप मणि बोले सुनहु सकल मम है बैना । भये कुमार विवाहन लायक उचित झेल कछु है ना ।— रघुराज (शब्द॰) । (ख) झाँकति है का झरोखा लगी लग लागिबे को इहाँ झेल नहीं फिर ।— पद्माकर (शब्द॰) ।