टगटग पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ टकटकाना] टकटकी लगाकर । एकटक । उ॰—कबीर टग टग चोघताँ पल पल गई बिहाइ ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ ७२ ।